03

Safe place

अगले दिन सुबह सात बजे रितिका की आँख खुलती है........ उस पर बेहोशी का असर उतर चूका था....... और ऐसा होते ही उसे वापस अपने पास से वही मशीन के बीप की आवाज़ आने लगी..... और आँखों के सामने वही सीलिंग........जो कल बेहोश होने से पहले देखि थी.....

पर अब मन मे कोई डर कोई ख्याल नहीं आया..... कल भले ही वो होश मे आने के बाद कंसीशियस हो गयी थी..... पर बेहोश होने से पहले उसने अनिल को देख लिया था....... हाँ..... कल पुरानी बातें जो होश मे आने के बाद भी उसके जेहन पर छाई थी...... वो बातें जो सोचते पर वो घबराते हुए उस गहरी नींद ( कोमा ) से होश मे आई थी...... उन बातों को सोचते वो कल अनिल की बातों को नहीं सुन पायी..... पर उसने अनिल को देखा था...... और ना केवल देखा था पहचान भी लिया....... उसके साथ वो लड़की जिस से रितिका पूरी तरह अनजान थी..... वो लड़की भी रितिका को याद थी........( वो लड़की जिसने कल रितिका को इंजेक्शन दिया था )

Write a comment ...

Write a comment ...